Dohe in Hindi ( दोहे) Rare Collection इस ब्लॉग में अलग अलग कवियों के वो दोहे दिए गए हैं जिन्हे हर कोई बहुत आसानी से समझ सकता है और जिनसे जिंदगी को जीने के लिए कोई न कोई उपदेश मिलता हो। ये उपदेश सबको जिंदगी की रह दिखाते हैं , जिससे इंसान को जिंदगी में कोई भी फैसला लेने में आसानी होती है। दोहे माला फेरत जुग गया , पर फिरा न मन का फेर। कर का मनका डारी रे , मन का मन का फेर।। साधु भूखा भाव का , धन का भूखा नाहीं । धन का भूखा जो फिरे, वो साधु नाहीं ।। जाती न पूछो साधु की, पूछ लीजियेगा ज्ञान। वार करो तलवार का , पड़ा रहने दो म्यान। लाली मेरे लाल की, नित देखूं तित लाल , लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल। अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम , दास मलूका कह गयो , सबके दाता राम। माँगन मरण समान है, मत मांगे कोई भीख , माँगन से मरण भला सतगुरु की है सीख। रहिमन वो लोग मर गए, जो कहि माँगन जाहि , उनसे पहले वो मरे, जिन मुख निकसत नाही । साईं इतना द