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Hindi Stories(कहानियाँ ) Part-3

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Hindi Stories(कहानियाँ ) Part-3 खुशी कैसे हासिल करें क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक, हार्वर्ड में, सबसे लोकप्रिय और सफल पाठ्यक्रम आपको सिखाता है कि खुश रहना कैसे सीखें? बेन शाहर द्वारा पढ़ाया जाने वाला सकारात्मक मनोविज्ञान प्रति सेमेस्टर 1400 छात्रों को आकर्षित करता है और 20% हार्वर्ड स्नातक(graduate) इस वैकल्पिक पाठ्यक्रम को लेते हैं। बेन शाहर के अनुसार वह पाठ्यक्रम जो खुशी, आत्मसम्मान और प्रेरणा पर केंद्रित होता है छात्रों को सफल होने और अधिक आनंद के साथ जीवन का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।  यह 45 वर्षीय शिक्षक, जिसे कुछ लोग "खुशी का गुरु" मानते हैं नें अपनी व्यक्तिगत स्थिति की गुणवत्ता में सुधार लाने और सकारात्मक जीवन में योगदान देने के लिए अपनी कक्षा में प्रमुख सुझावों पर प्रकाश डाला ; जो निम्नलिखित हैं:-

Hindi Stories(कहानियाँ ) Part-2

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Hindi Stories(कहानियाँ ) Part-2 स्वाभिमान शाम लगभग साढ़े छह बजे थे। वही हॉटेल, वही किनारे वाली टेबल और वही चाय, शाम की हल्की ठंडक के साथ साथ चाय की चुस्की ले रहा था। उतने में ही सामने वाली टेबल पर एक आदमी अपनी नौ-दस साल की लड़की को लेकर बैठ गया। उस आदमी का शर्ट फटा हुआ था, ऊपर की दो बटने गायब थी। पैंट भी मैला ही था, रास्ते पर खुदाई का काम करने वाला मजदूर जैसा लग रहा था। लड़की का फ्रॉक धुला हुआ था और उसने बालों में वेणी भी लगाई हुई थी। उसका चेहरा अत्यंत आनंदित था और वो बड़े कुतूहल से पूरे हॉटेल को इधर-उधर से देख रही थी। उनके टेबल के ऊपर ही चल रहे पँखे को भी वो बार-बार देख रही थी, जो उनको ठंडी हवा दे रहा था। बैठने के लिये गद्दी वाली कुर्सी पर बैठकर वो और भी प्रसन्न दिख रही थी। उसी समय वेटर ने दो स्वच्छ गिलासों में ठंडा पानी उनके सामने रखा। उस आदमी ने अपनी लड़की के लिये एक डोसा लाने का आर्डर दिया। यह आर्डर सुनकर लड़की के चेहरे की प्रसन्नता और बढ़ गई। और तुमको? वेटर ने पूछा। नहीं, मुझे कुछ नहीं चाहिये, उस आदमी ने कहा। कुछ ही समय में गर्मागर्म बड़ा वाला,फुला हुआ डोसा आ गया, साथ में चटनी-सांभार भी।

Hindi Stories(कहानियाँ ) Part-1

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Hindi Stories(कहानियाँ ) Part-1 मनुष्य की कीमत लोहे की दुकान में अपने पिता के साथ काम कर रहे एक बालक ने अचानक ही अपने पिता से  पुछा – “पिताजी इस दुनिया में मनुष्य की क्या कीमत होती है ?” पिताजी एक छोटे से बच्चे से ऐसा गंभीर सवाल सुन कर हैरान रह गये. फिर वे बोले “बेटे एक मनुष्य की कीमत आंकना बहुत मुश्किल है, वो तो अनमोल है.” बालक – क्या सभी उतना ही कीमती और महत्त्वपूर्ण हैं ? पिताजी – हाँ बेटे. बालक कुछ समझा नही उसने फिर सवाल किया – तो फिर इस दुनिया मे कोई गरीब तो कोई अमीर क्यो है? किसी की कम रिस्पेक्ट तो कीसी की ज्यादा क्यो होती है? सवाल सुनकर पिताजी कुछ देर तक शांत रहे और फिर बालक से स्टोर रूम में पड़ा एक लोहे का रॉड लाने को कहा.   रॉड लाते ही पिताजी ने पुछा – इसकी क्या कीमत होगी? बालक – 200 रूपये. पिताजी – अगर मै इसके बहुत से छोटे-छटे कील बना दू तो इसकी क्या कीमत हो जायेगी ? बालक कुछ देर सोच कर बोला – तब तो ये और महंगा बिकेगा लगभग 1000 रूपये का . पिताजी – अगर मै इस लोहे से घड़ी के बहुत सारे स्प्रिंग बना दूँ तो? बालक कुछ देर गणना करता रहा और फिर एकदम से उत्साहि

Hindi Poem Part-5 - Shadi Ke Bad

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हिंदी कविता - शादी के बाद           शादी के बाद अभी शादी का पहला ही साल था ,           ख़ुशी के मारे मेरा बुरा हाल था ,           खुशियां कुछ यूँ उमड़ रही थी ,           कि संभाले नहीं संभाल रही थी           सुबह - सुबह मैडम का चाय लेकर आना ,           थोड़ा शर्माते हुए हमे नींद से जगाना ,           वो प्यार भरा हाथ हमारे बालों में फिराना ,           और मुस्कराते हुए कहना , डार्लिंग चाय तो पी लो           जल्दी से रेडी हो जाओ , आपको ऑफिस भी जाना है।           घरवाली भगवन का रूप लेकर आई थी ,           दिल और दिमाग पे पूरी तरह से छाई थी ,           साँस भी लेते थे तो नाम उसी का होता था ,           इक पल भी दूर जाना मुश्किल होता था। 5 साल बाद           सुबह - सुबह मैडम का चाय लेकर आना ,           टेबल पर रखके जोर से चिलाना ,           आज ऑफिस जाओ तो मुन्ना को स्कूल छोड़ते हुए जाना।           सुनो , एक बार फिर वही आवाज आई ,           क्या बात है अभी छोड़ी नहीं चारपाई ,           यदि मुन्ना लेट हो गया तो देख लेना ,           टीचर्स को फिर खुद ही संभाल लेना।           ना जाने अब घरवाली केसा रूप

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