Hindi Shayari Part 13
हिंदी शायरी पार्ट-13
1 | सपने को साकार समझ बैठा , परछाई को आकर समझ बैठा, उसकी थी हसने की आदत , मैं उसको प्यार समझ बैठा। |
2 | आती हो गलियों में हीर की तरह , लगती हो मीठी खीर की तरह , आँखों में चुभती हो तीर की तरह , समझ रहा हूँ भीख मगवाओगी एक फकीर की तरह। |
3 | उसने पूछा कितना प्यार करते हो, हमने कहा आजमा कर तो देखो, उसने कहा ताजमहल बना सकते हो, हमने कहा जरा मर के तो देखो। |
4 | न चाहत है सितारों की , न चाहत है नजारों की, आप जैसा इक मिल जाये , क्या जरूरत है हजारों की। |
5 | आप सोचते हैं दिल से , काम करते हैं दिल से, आप चाहते हैं दिल से, आप मानते हैं दिल से , क्योंकि आपके पास दिल ही है दिमाग नहीं। |
6 | इनकार करती है न इकरार करती है कम्बख्त, मेरे ही खाबों में आके मेरे दोस्तों से प्यार करती है। |
7 | इश्क के परवाने हर जगह मिलते हैं , इश्क के दीवाने हर जगह मिलते हैं, लेकिन जो वाकई फरमाते हैं इश्क, वो तो सिर्फ पागल खाने में मिलते हैं। |
8 | घूँघट में तुझे देखा तो दीवाना हुआ , संगीत का तराना हुआ , शमा का परवाना हुआ , पर जैसे ही उठाया घूँघट , इस दुनियां से रवाना हुआ। |
9 | हर ख़ुशी को तेरी तरफ मोड़ दूँ , तेरे लिए चाँद तारे तोड़ दूँ , बता इतना ही काफी है या दो चार झूठऔर बोल दूँ। |
10 | आज फिर तुम नजर नहीं आये, फिर तमनाओं के फूल मुरझाये , न जाने किन गलियों में खो गए तुम, हम तो थाने से पागल खाने तक ढूंढ आये। |
11 | मेने कहा दिलरुबाँ , उसने कहा पैसे दिखा , मेने कहा पैसे नहीं, उसने कहा ऐसे नहीं, मेने कहा महगाई है, उसने कहा तू मेरा भाई है। |
12 | ए मेरे कद्रदान दोस्त मेरी जान, तुम हमेशा रहोगे हट्टे कट्टे और नौजवान , क्योंकि, खुदा मेहरबान, तो गधा पहलवान। |
13 | कितना खूबसूरत है हुसन तुम्हारी , खुद को औरों की नजरों से बचाया करो , आँखों में काजल लगाना ही काफी नहीं , Please गले में निम्बू मिर्च भी लटकाया करो। |
14 | वह आती थी चली जाती थी, हंसती थी हँसाती थी, देखती थी मुस्कराती थी, भागती थी भगाती थी, आज पता चला कि बस वेवकूफ बनाती थी। |
15 | खुदा करे तुझे खुशियां हजार मिले, मुझसे भीअच्छा यार मिले , मेरी गर्लफ्रेंड तुझे बांधे राखी , तुझे एक बहन का प्यार मिले। |
16 | चाँद को तोड़ दूंगा, सूरज को फोड़ दूंगा, तू एक बार हाँ कर दे बस, पहली वाली को छोड़ दूंगा। |
17 | लोग इश्क़ करते हैं बड़े शोर के साथ, हमने भी किया था बड़े जोर के साथ, पर अब करेंगे थोड़ा गौर के साथ , क्योंकि कल ही उसे देखा किसी और के साथ। |
18 | मैं तुम्हारे लिए सब कुछ करता पर मुझे काम था, मैं तेरे लिए डूबके मरता , पर मुझे जुखाम था। |
19 | डिज़ाइनर ड्रेस पहनते हो , मॉडर्न स्टायल रखते हो , दिल में जलन और फेस पर स्माइल रखते हो , बात करनी नहीं आती, फिर भी जेब में मोबाइल रखते हो। |
20 | शाम होते ही दिल उदास होता है , टूटे खाबों के शिवा कुछ न पास होता है, तुम्हारी याद ऐसे वक़्त बहुतआती है, जब बंदर कोई आस-पास होता है। |
21 | सूरज सेअच्छा तारा कोई नहीं, जैसा है रिश्ता हमारा दूसरा कोई नहीं, चाहे सारी दुनियां ढूंड के देख लो , मेरे जैसा प्यारा और तेरे जैसा आवारा कोई नहीं। |
22 | तुम्हारी गली में आकर बदनाम हो गया, यूँ मेरा जीवन अब हराम हो गया , मोहल्ले वालों की नजर का कांटा बन गया , कभी गुमनाम था, अब आम हो गया। |
23 | खट्टे आम हम कहते नहीं , मीठे आम आप कहते नहीं , तुम हमें बुलाते नहीं , और बिन बुलाये हम आते नहीं। |
24 | वह फूल नहीं जिसे डोडी नहीं , वह पंडित नहीं जिसे बोदी नहीं। |
25 | ये जुल्फें हैं तुम्हारी या रेशम का जाल, कितने खुशनशीब हैं वो चूहे , जिन्होंने कुतरे तुम्हारे बाल। |
26 | हर यार- यार नहीं होता , हर दोस्त वफादार नहीं होता, दिल आने की बात है , बरना सात फेरे लगा के प्यार नहीं होता। |
27 | तुम मेरे दिल में ऐसे समाई हो , जैसे बाजरे के खेत में भैंस घुस आई हो। |
28 | सोचा था हर मोड़ पे तुम्हारा साथ देंगे, पर कम्बख्त सड़क ही सीधी निकली। |
29 | रब करे सेल फ़ोन गुम जाये तेरा , मिल जाये मेनू ते हो जाये मेरा, कुड़ियां नूं फ़ोन करा मैं , ते ना जाये तेरा , कुट पवे तेनू , ते कलेजा ठंडा होए मेरा। |
30 | कसमें तो वो इस तरह से खाते हैं , चाय दूध पीते हैं या फ्रूट चबाते हैं , हम बुलाते हैं उन्हें यूँ रोज रोज मगर , हर रोज यही कहते हैं के बस कल आते हैं। |
31 | क्यों मरते हो यारो सनम के लिए , न देगी दुपट्टा कफ़न के लिए , मरना है तो मरो वतन के लिए , तिरंगा तो मिलेगा कफ़न के लिए। |
32 | दोनों ही नहीं एक दूसरे से कम है , एक फुलझड़ी तो दूसरा एटम बम्ब है , मजे की बात हम आपको बताते हैं , न पहले में दम है और न दूसरे में दम है। |
33 | जिसे दिल दिया वो दिल्ली चली गए , जिसे प्यार किया वो इटली चली गई , दिल ने कहा खुदखुशी करले जालिम , बिजली को हाथ लगाया तो बिजली चली गई। |
34 | हर तरफ ख़ामोशी का साया है , जिसे देखो वो ही पराया है , गिर पड़े हैं मोहब्त के दर्द से , और लोग कहते हैं के वो फिर पीकर आया है। |
35 | मैं तुमको चाँद कहता मगर उसमें भी दाग है , सूरज कहता मगर उसमे भी आग है , सोचा तुमको बंदर कह दूँ , मगर उस कम्बख्त में भी दिमाग है। |
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