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Anmol Vachan Part 3 In Hindi

 Anmol Vachan Part 3 In Hindi


 Anmol Vachan

इंसानी  जीवन  में  इंसान के विचारों का बहुत ज्यादा महत्व होता है।  इंसान के विचार जितने महान होंगे वो इंसान उतनी ही ऊंचाई तक पहुंचता है।  अतः इंसान के विचार शुद्ध , स्वच्छ , निर्मल  और महान होने चाहिए।  कोई इंसान अच्छा है या बुरा है किसी के चेहरे पर नहीं लिखा होता।  जब हम  किसी  से बातचीत करते हैं तो उसके विचारों से पता चलता है कि  उस इंसान का कैसा  स्वभाव है। 


 इंसान के विचार उसके स्वभाव को जन्म देते हैं।  स्वभाव से जज्बात बनते हैं।  कोई भी इंसान अपनी बातों में हेरा - फेरी कर  सकता है पर जज्बातों से नहीं।  इसलिए इंसान की असली पहचान उसके जज्बात होते हैं।  अतः हमे किसी की बातों से परेशान नहीं होना चाहिए उसके जज्बातों को समझना चाहिए। 

नीचे  कुछ विचार दिए गए हैं , हम सबको  इन  विचारों को पढ़कर अपने जीवन में उतरने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चों के लिए ये विचार अति आवश्यक है। 


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 अनमोल वचन ( विचार / Thoughts )

जिसे निभा  सको वो वादा  करो। बातें अपनी औकात से ज्यादा  करो।।भले ही तमनना  रखो आसमा छू लेने की। पर औरों को गिराने का इरादा  करो।।


  • स्वाद और विवाद दोनों को छोड़ देना चाहिए , स्वाद छोडो तो शरीर को फायदा और विवाद छोडो तो संबंधों को फायदा।

  • ज्यादा अपनापन दिखाने  वाले लोग एक दिन बता देते हैं कि वो पराये हैं।
  • घमंड किस बात का करें , आज मिटटी के ऊपर है , तो कल मिटटी के नीचे।
  • जो इज्जत देगा उसी को इज्जत मिलेगी , हम हैसियत देखकर सर नहीं झुकाते।
  • वक़्त बदलते देर नहीं लगती , इसलिए कभी हद से ज्यादा फूलो मत और अपनों को कभी भूलो मत।
  • जब कोई दूसरों से धोखा खाता  है तो वो उनसे लड़ पता है , लेकिन जब कोई अपनों से धोखा खाता  है तो मौन हो जाता है।

  • चुप रहने से बड़ा कोई जबाब नहीं , और माफ़ कर  देने से बड़ी कोई सजा नहीं।
  • उम्र भर कमाया पैसा खत्म हो सकता है, लेकिन जो दुआएँ सेवा करने से मिलेंगी वो कभी ख़त्म नहीं हो सकती।
  • इंसान हस्ता तो सबके सामने है, लेकिन रोता  उसी के सामने हैं जिस पर उसे खुद से भी ज्यादा भरोसा होता है।
  • शोक करने  से रोग बढ़ता है , दूध पिने  से शरीर बनता है , यह प्रकृति का नियम है। 
  • सच्चे बनो , अच्छे बनो , यदि हम सुधरेंगे , तो जग स्वयं सुधर जायेगा। 

  • दिल से कांटे की चुभन जरूर कम होगी , किसी के पाँव का कांटा निकलकर  देखो। 
  • जो मनुष्य हर मुश्किल में मौके को देखता है , वह  आशावादी होता है।  और जो हर  मोके में मुश्किल को देखता है, वह  निराशावादी होता है। 
  • जिंदगी में अनुकरण के साथ व्यवहार , उपचार के साथ आचार तथा समझाने के साथ कर्तव्य जरूरी है। 
  • अपनी  निंदा  करने वाले से कभी घृणा न करें। क्योंकि निंदा करने वाला  व्यक्ति आपके दोषों को उजागर करता है। 
  • यदि हम बुराइयों को रोकने के लिए दरवाजे बंद कर  लेंगे तो अच्छाई और सत्य भी बाहर रह जायेंगे।
  •    काम करने से ज्यादा जरूरी है प्यार से काम करना। 
  • पूर्वजों  के कर्मो पर अपने अस्तित्व को कायम नहीं रखा जा सकता।  अतः  हमे वर्तमान में रहकर अपने भविष्य को संवारने के लिए कर्म करना चाहिए। 
  • अंधकार को दूर करने का प्रयास मत करो स्वयं प्रकाश बनो अंधकार अपने आप दूर हो जायेगा।
  • जो व्यक्ति कोई गलती नहीं करता उसने कभी नया काम ही नहीं किया। 
  • अपनी क्षमताओं का पूरा लाभ उठाओ , क्योंकि  यही आपकी सबसे बड़ी शक्ति है। 
  • शांति जैसा तप नहीं , संतोष  जैसा सुख नहीं ,  तृष्णा जैसा रोग नहीं , और दया  जैसा कोई धर्म नहीं। 
  • शरीर को देवालय कहा  गया है , क्योंकि  जीव केवल शिव है। 
  • अमृत और मृत्यु दोनों इस शरीर में स्थित है , मनुष्य मोह से मृत्यु को और सत्य से अमृत को प्राप्त करता है। 
  • कोई भी कार्य तुच्छ नहीं होता , यदि मनपसंद काम मिल जाये तो उसे मुर्ख भी  पूरा कर  सकता है। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो हर काम को अपने लिए मनपसंद बना लेता है। 
  • जीवन की बहती हुई  नदिया में मोती भी है और पत्थर भी, सफलता इस बात पर निर्भर करती है के आप क्या चुनते हैं। 
  • भविष्य  उन्हीं लोगों का बनता है जो सपनो की खूबसूरती पे यकीन रखते हैं। 
  • जो लोग इस दुनियाँ में आगे निकलते हैं , वे ऐसे लोग हैं , जो अपनी मनचाही परिस्थितियों को तलाश करते हैं।  यदि उन्हें वैसी परिस्थितियां न मिले तो वे उन्हें बना लेते हैं। 
  • जिस दिन आप अपने बारे  में पूरी जिम्मेदारी लेते हैं , उसी दिन आप शिखर की ओर यात्रा शुरू करते हैं। 
  • केवल मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है , जो रोते हुए पैदा होता है , जिंदगी भर शिकायतें करता रहता है , और अंत में निराश होकर  मरता है। 
  • अत्यचार सहने वाला और अत्यचार करने वाला दोनों बराबर होते हैं। 
  • सजा देने का अधिकार उसी को है जो प्यार करता है। 
  • जिस काम में हम  नाकाम हो जाएँ , उसमे मूर्खों को सफल होते देखने से ज्यादा अपमानजनक कुछ नहीं होता। 
  • प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती। 
  • तन जितना घूमता रहे उतना स्वस्थ रहता है , और मन जितना स्थिर रहे उतना स्वस्थ रहता है। 
  • यदि सांप शिवलिंग पर दिखाए दिया तो लोग उसे पूजने लग जायेंगे , और यदि वही सांप किसी और जगह दिखाई  दिया तो लोग उसे मर डालेंगे। समझने की कोशिश करो , के लोग सम्मान आपका नहीं आपकी स्थिति और स्थान का करते हैं।  
  • जीवन एक प्रतिध्वनि है , आप जिस लहजे में आवाज देंगे उसी लहजे में सुनाई  देंगी।  
    अर्थात :यदि हम किसी से अच्छा बोलेंगे तो वो अच्छाई मुड़कर आप  तक आएगी , और यदि आप किसी से कड़वा बोलेंगे तो वो कड़वाहट भी आप तक वापिस आएगी। अतः हमे सामने वाले से हमेशा अच्छे लहजे में ही बात करनी चाहिए 
  • अंगूर की जवानी में कीमत 100 /kg  और बुढ़ापे में 400 /kg . इसलिए बीती जवानी की चिंता छोड़कर आते बुढ़ापे का स्वागत करें।

    बुराई कैसी भी हो उसका अंतिम संस्कार अच्छाई ही करती है।

    जिंदगी कभी किसी की भी आसान नहीं होती ऐसे आसान बनाना पड़ता है।  कुछ नजरअंदाज करके कुछ बर्दाश्त करके , कुछ मेहनत करके और कुछ सही समय पर सही फैसले करके।

    जीवन का सबसे बड़ा गुरु समय होता है , क्योंकि जो  कोई नहीं सीखा सकता वो वक़्त सीखा देता है।

    अच्छे लोगों का हमारी जिंदगी में आना हमारी किस्मत होती हैऔर उन्हें संभालके रखना हमारा हुनर।

    सब कुछ महँगा हो गया मगर माचिस अब भी एक रूपये पर रुकी हुई है।  क्योंकि आग लगाने वालों की कीमत कभी नहीं बढ़ती।


यदि क्षणिक सुख चाहते हो तो गाने सुनो ,

एक दिन का सुख चाहते हो तो पिकनिक पर चले जाओ ,

एक सप्ताह का सुख चाहते हो तो यात्रा पर चले जाओ ,

एक दो महीने का सुख चाहते हो तो शादी कर लो ,

कुछ सालों का सुख चाहते हो तो धन कमाओ ,

यदि पूरी जिंदगी का सुख चाहते हो तो अपने काम से प्यार करो।

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              👉 सच बराबर तप नहीं , झूठ बराबर पाप ,
                    जाके  ह्रदय साँच है , ताके  ह्रदय आप। 

              अर्थात : इंसानी जीवन में सच बोलना एक तपस्य से भी बढ़कर है।  सच बोलने  से बढ़कर कोई तपस्य नहीं हो सकती।  और झूठ बोलने से बढ़कर कोई पाप नहीं हो सकता। जिस इंसान के दिल में सच होता है उसके दिल में खुद भगवान वास करते हैं। 

              👉 अभिवादन शीलस्य नित्यं बृधोउपसेविनः , चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयु , विद्य यसोबलं |

              अर्थात : जो इन्सान किसी से बात  करने  से पहले  नमस्कार करता हो  , और अपने से बड़ों की सेवा करता हो, तो उस इंसान के चार गुण बढ़ जाते हैं।  आयु , विद्य , यश और बल। 

              👉 अति क भला न बोलना , अति की भली न चूप ,
                    अति क भला न बरसना , अति की भली न धूप। 

              अर्थात : इंसान को न तो  ज्यादा बोलना चाहिए और न ही ज्यादा चुप रहना चाहिए।  क्योंकि न तो ज्यादा बरसात  अच्छी होती है और न ही ज्यादा धूप  अच्छी होती है। 

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              जीवन में किसी का भला करोगे तो लाभ होगा ,
              क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है। 
              किसी पर दया करोगे तो वो याद  करेगा ,
              क्योंकि दया का उल्टा याद होता है। 

              जब बुरे दिन आते हैं तो बुद्धि  भी घास चरने चली जाती है ,
              इंसान चाह  कर भी सही निर्णय नहीं ले पता ,तभी तो कहा  जाता है,
               के इंसान बुरा नहीं होता बल्कि उसका वक़्त बुरा होता है। 

              याद, रखना यदि बुरे लोग समझाने  से समझ जाते तो ,
              बांसुरी  बजाने वाला कभी महाभारत नहीं होने देता। 

              दूसरों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी देखना इक बहुत बड़ा हुनर है ,
              और जो इंसान ये हुनर सीख  जाता है, वो कभी भी दुखी नहीं होता।



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              1. Adorable thoughts.....Excellent collection.

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