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Anmol Vachan Part 17 In Sanskrit

संस्कृत श्लोकः Best motivational and inspirational thoughts in sankrit language with hindi meaning. Useful shlok in sanksrit language for constructing charactor of growing students. 

Yoga Tips In Hindi

योग
YOGA TIPS
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1. चिन्ताओं को अपने पास न फटकने देने तथा सदा प्रसन्न रहने से अच्छा स्वास्थ प्राप्त किया जा सकता है।

2. क्रोध न करना, सत्य का पालन करना, ब्रह्म मुहूर्त में उठना , कर्म का चिंतन करना, दिन में दो बार खाना, अपनी शक्ति बढ़ाना, आयु को बढ़ाते हैं।

3. क्लेश, कर्म, कर्मफल और वासनाओं में न पड़ा हुआ पुरुष विशेष ईश्वर होता है।

4. छोटे या बड़े किसी भी पदार्थ को मन की स्थिरता के लिए साधन बनाया जा सकता है।

5. जिसके साथ किसी प्रकार की बातचीत करने से मन के चंचल होने की संभावना हो उसका साथ छोड़ देना चाहिए।

6. सत्य के द्वारा हम यथार्थ में कार्य करने की शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

7. योग में प्रवेश पाने के लिए निंद्रा, तंद्रा और आलस का सर्वथा परित्याग कर देना चाहिए।

8. श्रद्धा और संकल्प जीवन की नित्य प्रेरित शक्तियां हैं।

9. तुम यदि किसी विषय में दक्ष होना चाहते हो तो उसे व्यवहार में लाओ और यदि किसी विषय को छोड़ना चाहते हो तो उसे एक बरगी ही छोड़ दें।

10. अभ्यास को ढृड बनाने के लिए ये बातें आवश्यक हैं।
  • वह देर तक किया जाये।
  • इसके करने में वाधा न हो, यह निरंतर हो।
  • यह सत्कार या श्रद्धा से किया जाये।
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ब्रह्मचारी के लक्षण :-
11. जिसके मुख पर तेज हो ललाट हो। शरीर सुडोल, सुन्दर , और स्वस्थ्य युक्त हो।

12. धर्म प्रिय और वेदाध्यन में मगन हो।शृंगार युक्त बातों में रूचि न हो।जिसका मन स्वच्छ हो।

13. एकांतवास को अच्छा समझता हो।सत्य प्रिय हो, मधुर बोलने वाला हो। कम बोलने वाला हो।

14. नाटक और नाच गाने में रूचि न हो काम वासना का दमन शुद्ध हृदय और शुद्ध शरीर से होता है।

15. दिलगी और मजाक करना हृदय की अशुद्धता का कारण है।

16. माया और छाया का स्वभाव एक जैसा होता है अगर इन्सान इनके पीछे भागे तो ये इन्सान के आगे - आगे भागती हैं और अगर इन्सान इनसे दूर भागे तो ये इन्सान के पीछे - पीछे भागती है।

17. सुबह उठकर दो गिलास पानी पियें और सैर के लिए निकल जाएँ। कम से कम 6 km सैर जरूर करें।

18. शरीर में विटामिन C की कमी कभी भी न होने दें।

19. फल और सब्जी खाने में जरूर शामिल करें। इससे शरीर को जरूरी खनिज मिलते हैं।

20. नहाते हुए ठन्डे पानी का ही प्रयोग करें। इससे रक्त संचार बढ़ता है। और शरीर में मालिश और फेसिअल की जरूरत भी पूरी हो जाती है।

21. प्रातः काल ब्रह्म महूर्त में उठना, रात को जल्दी सोना, आँखों को ठन्डे पानी से धोना, दांत साफ़ करना , कान में तेल डालना, स्नान से पूर्व सिर और छाती पर तेल लगाना आरोग्यता को बढ़ाते हैं।

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22. आध्यात्मिक शक्ति 

यह वह शक्ति है जिसके द्वारा दूर बैठे व्यक्ति पर भी गहरा प्रभाव डाला जा सकता है। यह शक्ति सच्चे मन से की गयी उपासना से प्राप्त की जा सकती है।

23. आध्यात्मिक शक्ति निमन प्रकार की होती है
  • विशवाश शक्ति [ self confidence]
  • ढृड इच्छा शक्ति [Power of Imagination]
  • अपनी बात पर पूर्ण विशवाश [ Concentration]
  • शासन करने की शक्ति [Power of suggestion ]
  • जब तक हम अपने मस्तिष्क पर काबू नहीं पाएंगे , तब तक हम इन शक्तियों को प्राप्त नहीं कर सकते।

24. अपने व्यक्तित्व को सुधारने के लिए निम्नलिखित प्राप्त करना जरूरी है।
  • इच्छा शक्ति [ Will Power]
  • विशवाश शक्ति [Self confidence]
  • कल्पना शक्ति [Imagination]

25. इच्छा शक्ति 

यह वह शक्ति है जिसके द्वारा इंसान अपने लिए हर सफलता का द्वार खोल सकते हैं। जब शक आरम्भ होता है तब इच्छा शक्ति अपने आप कम हो जाती है।

हीन भावना इन्सान को आगे बढ़ने से रोकती है। हम तब तक सफलता प्राप्त नहीं कर सकते , जब तक के हमारे मन से हीनता की भावना समाप्त न हो जाये।

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26. हीन भावना को समाप्त करने के लिए निमन बातों को ध्यान में रखना चाहिए

  • कभी भी दूसरों के सामने अपने आप को कमजोर  समझें।
  • बनावटी योजनाएं जिन्हें आप पूरा  कर सकें  बनाएं।
  • लम्बा एकांत भी हीन भावना को जन्म देता है।

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