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परिवार से बढ़कर कोई धन नहीं , पिता से बढ़कर कोई सलाहकार नहीं , भाई से बढ़कर कोई भागीदार नहीं , माँ से बढ़कर कोई दुनियां नहीं , पत्नी से बढ़कर कोई दोस्त नहीं , बहन से बड़ा कोई शुभचिंतक नहीं।
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इच्छाएं पूरी न हो तो क्रोध बढ़ता है , और इच्छाएं पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है। इसलिए जीवन की हर परिस्थिति में धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठ्ता है। मानव चाहे कितनी भी बनावट कर ले पर अँधेरे में छाया , बुढ़ापे में काया और अंत समय में माया साथ नहीं देती।
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ताकत और पैसा जिंदगी के फल हैं। परिवार और मित्र जिंदगी की जड़ हैं। हम फल के बिना जिन्दा रह सकते हैं पर जड़ के बिना खड़े नहीं हो सकते।
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आत्मा तो हमेशा से ही जानती है कि सही क्या है और गलत क्या है, चुनौती तो मन को समझने की होती है।
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पसंद उसे कीजिये जो आप में परिवर्तन लाए , वरना प्रभावित तो मदारी भी कर लेते हैं।
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सब लोग यही बोलते हैं के ये दुनिया मतलबी है , पर ये कोई नहीं बोलता कि मैं भी मतलबी हूँ।
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जिंदगी भर याद रहता है मुश्किल में साथ देने वाला , और मुश्किल में साथ देने वाला।
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जहां भावनाओं की कदर होती है वहां मन अपने आप झुक जाता है।
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जीवन में कुछ परिस्थितियाँ ऐसी भी होती है , जिसे झेलने के आलावा और कोई रास्ता नहीं होता।
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किसी की गरीबी को देखकर , रिश्ता मत तोडना। क्योंकि जितना मान सम्मान गरीबों के घर पर मिलता है उतना अमीरों के घर पर नहीं मिलता।
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भरोसा उस पर करो जो तुम्हारी तीन बातें जान सके, हंसी के पीछे का दर्द , गुस्से के पीछे का प्यार और आपके चुप रहने की वजह।
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लोग गलत होकर भी अपनी अकड़ नहीं छोड़ रहे , फिर मुझसे यह उम्मीद क्यों, की मैं सही होकर भी झुक जाऊं , क्या रिश्ते निभाना सिर्फ मेरी जिम्मेदारी है।
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खो देने के बाद ही ख्याल आता है , कितना कीमती था वो समय , व्यक्ति और धन।
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हमारी जिंदगी में हर फैसला हमारा नहीं होता , कुछ फैसले वक्त और हालात तय करते हैं।
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जिंदगी में दो मित्र जरूर होने चाहिए। एक कृष्ण जो बिना लड़े ही जीत पक्की कर दे , और दूसरा कर्ण जो हार सामने हो फिर भी साथ न छोड़े।
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जहां भावना की कदर होती है , वहां मन अपने आप झुक जाता है , भले ही उस स्थिति का कोई नाम न हो।
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हमे दुश्मनो की कमी नहीं है , हम जिसका भला करते हैं व्ही दुश्मन बन जाता है।
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शरीर की हिफाजत धन से भी बढ़कर करनी चाहिए , क्योंकि शरीर बिगड़ने के बाद धन भी उसकी हिफाजत नहीं कर सकता।
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जिंदगी में कीमत दोनों को चुकानी पड़ती है , बोलने की भी और चुप रहने की भी।
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जीवन में दो ही सच्चे दोस्त मिलेंगे , एक आइना और दूसरा परछाई , आइना झूठ नहीं बोलता और परछाई साथ नहीं छोड़ती।
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कभी किसी की आत्मा पर इतनी गहरी चोट मत करो, कि खुद परमात्मा उसके पक्ष में आकर खड़ा हो जाये ।
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गलत का विरोध खुलकर करो, इतिहास टकराने वालों का लिखा जाता है , तलवे चाटने वालों का नहीं।
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जिस समय से हमारा मन दूसरों के लिए शुभ सोचना आरम्भ कर देता है , शांति उसी समय से हमारे जीवन में प्रवेश कर जाती है।
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समझौते कितने भी कर लो जिंदगी में , जिन्हे नहीं समझना वो संझेंगे भी नहीं , तुम्हें दुःख भी देंगे और अपनी जिद से हटेंगे भी नहीं।
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भले ही आपने किसी का कितना भी साथ दिया होगा , मगर जिन दिन आप लाचार होंगे उस दिन आप ठुकरा दिए जाओगे।
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आंख संसार की हर चीज को देख सकती है, मगर आंख के अंदर कुछ चला जाए तो उसे नहीं देख पाती ठीक उसी प्रकार मनुष्य दूसरों की बुराई देखता है पर अपने अंदर बैठी बुराइयां उसे दिखाई नहीं देती।
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भाग्य से कम नहीं बदलते लेकिन आपके कर्मों से भाग्य बदल जाता है।
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रिश्तो में पारदर्शिता इतनी हो कि सच पूछने की जरूरत ना पड़े और भरोसा इतना हो कि झूठ बोलने की जरूरत ना पड़े।
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गुस्सा, शक और केयर, वही इंसान करता है जो आपको खुद से ज्यादा प्यार करता है, वरना इस दुनिया में किसी को किसी से कोई मतलब नहीं।
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संबंध को जोड़ना एक कला है, लेकिन संबंध को निभाना एक साधना है।
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जिंदगी को अगर खुलकर जीना है, तो थोड़ा सा झुक कर जिओ। तब देखो फिर यह ईश्वर आपको कितना ऊंचा उठा देता है।
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दिल से लिखी बातें दिल को छू जाती है, कुछ लोग मिलकर बदल जाते हैं, और कुछ लोगों से मिलकर जिंदगी बदल जाती है।
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हमारी जिंदगी में हर फैसला हमारा नहीं होता , कुछ फैसले वक़्त और हालत तय करते है।
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वो ज्ञान अधूरा है जो चरित्र का निर्माण न कर सके।
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निःस्वार्थ कर्म करते रो जो भी होगा अच्छा ही होगा , थोड़ा बिलम्ब होगा पर सर्वश्रेष्ठ होगा।
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कुछ नहीं मिलता संसार में मेहनत के सिवा , मेरा अपना साया भी मुझे धूप में आने के बाद मिला।
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जीवन में चैन से जीने के लिए सभी बेचैन है।
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वक्त, दोस्त और परिवार वो चीजें हैं , जो मिलती तो मुफ्त है , मगर इनकी कीमत का पता तब चलता है जब ये कहीं खो जाती है।
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खुश रहने के मूलमंत्र मन मिले जिससे रिश्ता रखो उसीसे , जहां कदर नहीं , वहां जाना नहीं। जो सुनता नहीं उसे समझना नहीं। जो पचता नहीं वो खाना नहीं। जो सत्य पर भी रूठे उसे मनाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो मौसम की तरह बदले उसे दोस्त बनाना नहीं।
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