1 | उनकी याद में सब कुछ भुलाये बैठे हैं , चिराग खुशियों के बुझाये बैठे हैं , हम तो मरेंगे उनकी ही बाँहों में , मौत से ये शर्त लगाए बैठे हैं। |
2 | बिखरे आंशुओं के मोती हम पी न सके , तेरी याद में सारी रात हम जी न सके , बह न जाये हर याद तेरी , ये सोच कर ही हम रो न सके। |
3 | राहों में जहाँ पत्थर हो , ऐसी राहों का न मुझे रही दे , मेरा लिखा हर शेयर आइना हो , इक इक लफ्ज अपने हिस्से की गवाही दे। |
4 | आज का प्यार कल की याद हो जाता है , मोहब्बत में आशिक ख़ुशी से बर्बाद हो जाता है , जब हमारी दुनियां भी आशिकी में बर्बाद हो जाएगी , तब हमें मोहब्बत की एहमियत समझ आएगी। |
5 | उलझ गए हम अब मोहब्बत के मुकाम पे , लिख रही/रहा हूँ पहला पन्ना जब कहानी है अंजाम पे। |
6 | मैं नटखट भी हूँ, अलबेली भी , साथ भी हूँ, और अकेली भी , मुझे समझने की गलती मत करना , में हल भी हूँ, और पहेली भी। |
7 | खुदा करे कि जिंदगी में ये मुकाम आये , कि खुदा की इबादत में भी तेरा नाम आये। |
8 | तेरी यादों के सहारे अब उम्र गुजारनी है , हमें तो अपनी जिंदगी क्या , मौत भी तेरे नाम कर जानी है। |
9 | मेरे दोस्त ही नहीं मेरी जान हो तुम , मेरी हर धड़कन मेरा ईमान हो तुम , जिसकी तलाश थी मुझे जन्मों से , वही खूबसूरत अरमान हो तुम। |
10 | तेरी दोस्ती तो मैं कुर्बान जावां , राब न करे अपां लड़िये , पर जे लड़िये तो फिर तू जीते ते मैं हार जावां। |
11 | आप मेरे दोस्त हो या मेरी तक़दीर हैं , आप मेरे साथ है या माथे की लकीर हैं , अब और किसी चीज की ख्वाइश नहीं , क्योंकि जो इक निवाले में खुश हो जाये हम वो फ़क़ीर हैं। |
12 | जिंदगी वक़्त के बहाव में है , यहां हर आदमी तनाव में है , हमने लगा दी पानी पर तोहमत , पर यह नहीं देखा के छेद तो नव में है। |
13 | वक़्त ने हमे जुदा किया , अब वक़्त ही मिलायेगा , पर हमे जिस वक़्त का इंतजार है, न जाने वह वक़्त कब आएगा। |
14 | अभी तो असली मंजिल पाना बाकि है , अभी तो इरादों का इम्तिहान बाकि है , अभी तो तोली है मुट्ठी भर जमीं , अभी तो तोलना आसमान बाकि है । |
15 | जिसे निभा न सको वो वादा न करो। बातें अपनी औकात से ज्यादा न करो।। भले ही तमनना रखो आसमा छू लेने की। पर औरों को गिराने का इरादा न करो।। |
16 | फर्क होता है खुदा और फकीर में , फर्क होता है किस्मत और लकीर में , अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना, कि कुछ और अच्छा लिखा है तकदीर में। |
17 | सबको गिला है , बहुत कम मिला है , जरा सोचिये . जितना आपको मिला है , उतना कितनों को मिला है। |
18 | परखो तो कोई अपना नहीं , समझो तो कोई पराया नहीं , चेहरे की हंसी से गम को भुला दो , कम बोलो पर सब कुछ बता दो , खुद न रूठो पर सबको हंसा दो, यही राज है जिंदगी का, जिओ और जीना सीखा दो। |
19 | किसी को गीता में ज्ञान न मिला , किसी को कुरान में ईमान ना मिला , उस बन्दे को आसमान में क्या रब मिलेगा, जिसे इंसान में इंसान न मिला। |
20 | थक गया हूँ रोटी के पीछे भाग भाग कर , थक गया हूँ सोती रातों में जग जग कर , काश मिल जाये वही बीता हुआ बचपन , जब माँ खिलाती थी भाग भाग कर, और सुलाती थी जाग जाग कर। |
21 | मेरा पानी उतरते देख, मेरे किनारे अपना घर मत बना लेना , मैं समंदर हूँ लौट के फिर आऊंगा। |
22 | चलता रहूंगा पथ पर, चलने में माहिर बन जाऊंगा , या तो मंजिल मिल जाएगी , या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा। |
23 | दौलत की भूख ऐसी लगी के कमाने निकल गए , जब दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते छूट गए , बच्चों के साथ रहने की फुर्सत न मिल सकी , जब फुर्सत मिली तब बच्चे कमाने निकल गए। |
24 | श्मशान के बहार लिखा था, मंजिल तो तेरी यही थी , बस जिंदगी गुजर गई आते आते , क्या मिला तुझे इस दुनिया से , अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते। |
25 | खुलके दिलसे मिलो तो सजा देते हैं लोग , सच्चे जज्बात भी ठुकरा देते हैं लोग , दो इंसानों का मिलना क्या देखेंगे ये लोग , दो बैठे हुए परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग। |
26 | ताजी हवा में फूलों की महक हो , पहली किरण में चिड़ियों की चहक हो , जब भी खोलो तुम अपनी पलकें , उन पलकों में बस खुशियों की झलक हो। |
27 | सबसे न मिला करो इतनी सादगी के साथ।, ये दौर अलग है , ये लोग अलग है , ये दुनियाँ वो नहीं है जो आप देखते हो , अगर आप इस दौर में वफ़ा ढूंढ रहे हो, तो बड़े नादान हो , क्योंकि आप जहर की शीशी में दवा ढूंड रहे हो , |
28 | ख्याल रखा कर अपना , मुझे खुद से भी ज्यादा परवाह है तेरी , मुझे नहीं है पता तू कितनी मोहब्बत करती है मुझसे , पर तू आखिरी मोहब्बत है मेरी। |
29 | किसी से दिल लग जाने को मोहब्बत नहीं कहते , जिस के बगैर दिल न लगे उसे मोहब्बत कहते हैं। |
30 | ना थके कभी पैर न कभी हिम्मत हारी है , जज्बा है परिवर्तन का जिंदगी में इसलिए सफर जारी है। |
31 | मेने दर्द को मुस्कराकर सहना क्या सीख लिया , लोगों को लगता है मुझे तकलीफ नहीं होती , जिस जिस को आज तक बताया है , यकीन मनो उसने बहुत सताया है |
32 | जो बीत गया वो दौर फिर न आएगा , इस दिल में शिवा तेरे कोई और न आएगा। घर फूक दिया हमने अब राख उठानी है , जिंदगी और कुछ भी नहीं , तेरी मेरी कहानी है। |
33 | कोई रह गया हो इल्जाम तो वो भी लगा दो , हम तो पहले भी बुरे थे, थोड़ा बुरा और बना दो। |
34 | जो सुख में हमारा साथ देते हैं वो रिश्ते होते हैं, जो दुःख में साथ देते हैं वो फ़रिश्ते होते हैं। |
35 | जिक्र क्या जुवां पे नाम नहीं , इससे बढ़कर कोई इंतकाम नहीं। |
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