Anmol Vachan Part 6 In Hindi

 अनमोल वचन पार्ट - 6

ANMOL VACHAN PART - 6  

मेरा पानी उतरते देख, मेरे किनारे अपना घर मत बना लेना ,
मैं  समंदर हूँ लौट के फिर आऊंगा।

किसी की मजबूरियों पे न हँसिये , कोई मजबूरियां खरीदकर नहीं लाता। 

डरिये वक्त की मार  से , बुरा वक्त किसी को बताकर नहीं आता। 

अक्ल कितनी भी तेज हो , नसीब के बिना नहीं जीत सकती। 

ईश्वर जिन्हें खून के रिश्ते में बांधना भूल जाता है , उन्हें दोस्त बना देता है। 

दोस्त हमदर्द होने चाहिए , दर्द देने के लिए तो सारी दुनिया तैयार बैठी है। 

जरूरतें और नींद कभी पूरी नहीं होती , जो जितनी सुविघा में है वो उतनी ही दुविधा में है। 

सबसे लम्बी यात्रा सांसों की है , इसका निरंतर आनंद लें। 

खुश रहना सीखिए , ये तो चलता ही रहेगा।  कोई अपना बिछुड़ता रहेगा और  कोई पराया मिलता रहेगा। 

यह जिंदगी छोटी सी है इसे हंसकर जिओ , क्योंकि लौटकर यादें आती है , वक़्त नहीं। 

संसार में सभी दुखी हैं , किसी को कोई अपना दुःख देता है तो किसी को औरों का सुख दर्द देता है। 

उम्र बढ़ने से मुस्कुराहट नहीं रूकती , पर मुस्कुराहट रुकने पर उम्र जरूर रुक जाती है। 

आपकी अच्छाइयाँ बेशक अद्रिश्य  हो सकती हैं लेकिन इनकी छाप हमेशा दूसरों के हृदय में बिराजमान रहती है। 

समस्या जब अपनों से हो तब समाधान खोजना चाहिए न्याय नहीं , क्योंकि न्याय से केवल एक खुश होता है जबकि समाधान से दोनों खुश होते हैं। 

जीवन में उन सपनों का कोई महत्व नहीं होता , जिनको पूरा करने के लिए अपनों से ही छल करना पड़े। 

रिश्ते वो होते हैं,
जिसमें शब्द कम पर समझ ज्यादा हो ,
जिसमें तकरार कम और प्यार ज्यादा हो ,
जिसमें आशा कम और भरोसा ज्यादा हो।

अच्छे मित्र , अच्छे रिश्तेदार, और अच्छे विचार जिसके पास होते हैं , उसे दुनियां की कोई भी ताक़त हरा नहीं सकती। 

जिंदगी समझ आ गई तो अकेले में मेला , और ना समझ आये तो मेले में अकेला। 

संयोग से जीवन मिलता है और संयोग से जीवन चलता है , कुछ हंसकर बोल दो , कुछ हंसकर टाल  दो , परेशानियां तो बहुत है कुछ वक़्त पर डाल  दो। 

अपने मन को इतना मजबूत बनाइये कि किसी के भी  व्यव्हार से मन की शांति भंग न हो जाये। 

इच्छाओं की सड़क तो बहुत दूर तक जाती है , बेहतर यही है की हम जरूरतों की गली से ही मुड़ जाएँ। 

लफ्ज ही होते हैं इंसान का आइना, अक्ल का क्या ? अक्ल तो उम्र और हालत के साथ बदल जाती है। 

मन की अच्छाई और सचाई कभी व्यर्थ नहीं जाती , ये वो भक्ति है  जिसकी तलाश स्वयं ईश्वर करते हैं। 


जीवन बहुत छोटा है इसे  जियो , 

प्रेम बहुत दुर्लभ है ऐसे पकड़ कर रखो ,

क्रोध बहुत खराब है उसे दबाकर रखो , 

भय बहुत भयानक है , उसका सामना करो , 

स्मृतिया बहुत सुखद हैं , उन्हें संजो कर रखो। 

यदि आपके पास मन की शांति है तो , समझ लेना आपसे अधिक भाग्यशाली कोई नहीं है। 


सुभाषितानि (सुन्दर बचन ) 

👉 सच बराबर तप नहीं , झूठ बराबर पाप ,
जाके ह्रदय साँच है , ताके ह्रदय आप।

अर्थात : इंसानी जीवन में सच बोलना एक तपस्य से भी बढ़कर है। सच बोलने से बढ़कर कोई तपस्य नहीं हो सकती। और झूठ बोलने से बढ़कर कोई पाप नहीं हो सकता। जिस इंसान के दिल में सच होता है उसके दिल में खुद भगवान वास करते हैं।

👉 अभिवादन शीलस्य नित्यं बृधोउपसेविनः , चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयु , विद्य यसोबलं |

अर्थात : जो इन्सान किसी से बात करने से पहले नमस्कार करता हो , और अपने से बड़ों की सेवा करता हो, तो उस इंसान के चार गुण बढ़ जाते हैं। आयु , विद्य , यश और बल।

👉 अति क भला न बोलना , अति की भली न चूप ,
अति क भला न बरसना , अति की भली न धूप।

अर्थात : इंसान को न तो ज्यादा बोलना चाहिए और न ही ज्यादा चुप रहना चाहिए। क्योंकि न तो ज्यादा बरसात अच्छी होती है और न ही ज्यादा धूप अच्छी होती है।

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Comments

  1. Very Nice and thanks for sharing. Your writing style is so unique and captivating. Keep it up..

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