मजाकिया शायरी
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सपने को साकार समझ बैठा , परछाई को आकर समझ बैठा,
उसकी थी हसने की आदत , मैं उसको प्यार समझ बैठा।
आती हो गलियों में हीर की तरह ,
लगती हो मीठी खीर की तरह ,
आँखों में चुभती हो तीर की तरह ,
समझ रहा हूँ भीख मगवाओगी एक फकीर की तरह।
अश्कों ने बहनाबंद कर दिया , अल्फाजों ने कहना बंद कर दिया ,
क्या खूब गुजरी जज्बात पर , दिल ने पास रहना बंद कर दिया।
उसने पूछा कितना प्यार करते हो, हमने कहा आजमा कर तो देखो,
उसने कहा ताजमहल बना सकते हो, हमने कहा जरा मर के तो देखो।
इश्क के परवाने हर जगह मिलते हैं , इश्क के दीवाने हर जगह मिलते हैं,
लेकिन जो वाकई फरमाते हैं इश्क, वो तो सिर्फ पागल खाने में मिलते हैं।
न चाहत है सितारों की , न चाहत है नजारों की,
आप जैसा इक मिल जाये , क्या जरूरत है हजारों की।
आप सोचते हैं दिल से , काम करते हैं दिल से,
आप चाहते हैं दिल से, आप मानते हैं दिल से ,
क्योंकि आपके पास दिल ही है दिमाग नहीं।
इनकार करती है न इकरार करती है कम्बख्त,
मेरे ही खाबों में आके मेरे दोस्तों से प्यार करती है।
घूँघट में तुझे देखा तो दीवाना हुआ , संगीत का तराना हुआ , शमा का परवाना हुआ ,
पर जैसे ही उठाया घूँघट , इस दुनियां से रवाना हुआ।
हर ख़ुशी को तेरी तरफ मोड़ दूँ , तेरे लिए चाँद तारे तोड़ दूँ ,
बता इतना ही काफी है या दो चार झूठऔर बोल दूँ।
मेने कहा दिलरुबाँ , उसने कहा पैसे दिखा ,
मेने कहा पैसे नहीं, उसने कहा ऐसे नहीं,
मेने कहा महगाई है, उसने कहा तू मेरा भाई है।
आज फिर तुम नजर नहीं आये, फिर तमनाओं के फूल मुरझाये ,
न जाने किन गलियों में खो गए तुम, हम तो थाने से पागल खाने तक ढूंढ आये।
ए मेरे कद्रदान दोस्त मेरी जान, तुम हमेशा रहोगे हट्टे कट्टे और नौजवान ,
क्योंकि, खुदा मेहरबान, तो गधा पहलवान।
कितनी खूबसूरत है नजरें तुम्हारी , खुद को औरों की नजरों से बचाया करो ,
आँखों में काजल लगाना ही काफी नहीं , Please गले में निम्बू मिर्च भी लटकाया करो।
वह आती थी चली जाती थी, हंसती थी हँसाती थी,
देखती थी मुस्कराती थी, भागती थी भगाती थी,
आज पता चला कि बस वेवकूफ बनाती थी।
खुदा करे तुझे खुशियां हजार मिले, मुझसे भीअच्छा यार मिले ,
मेरी गर्लफ्रेंड तुझे बांधे राखी , तुझे एक बहन का प्यार मिले।
मैं तुम्हारे लिए सब कुछ करता पर मुझे काम था,
मैं तेरे लिए डूबके मरता , पर मुझे जुखाम था।
लोग इश्क़ करते हैं बड़े शोर के साथ, हमने भी किया था बड़े जोर के साथ,
पर अब करेंगे थोड़ा गौर के साथ , क्योंकि कल ही उसे देखा किसी और के साथ।
चाँद को तोड़ दूंगा, सूरज को फोड़ दूंगा,
तू एक बार हाँ कर दे बस, पहली वाली को छोड़ दूंगा।
डिज़ाइनर ड्रेस पहनते हो , मॉडर्न स्टायल रखते हो ,
दिल में जलन और फेस पर स्माइल रखते हो ,
बात करनी नहीं आती, फिर भी जेब में मोबाइल रखते हो।
शाम होते ही दिल उदास होता है , टूटे खाबों के शिवा कुछ न पास होता है,
तुम्हारी याद ऐसे वक़्त बहुतआती है, जब बंदर कोई आस-पास होता है।
सूरज सेअच्छा तारा कोई नहीं, जैसा है रिश्ता हमारा दूसरा कोई नहीं,
चाहे सारी दुनियां ढूंड के देख लो , मेरे जैसा प्यारा और तेरे जैसा आवारा कोई नहीं।
तुम्हारी गली में आकर बदनाम हो गया, यूँ मेरा जीवन अब हराम हो गया ,
मोहल्ले वालों की नजर का कांटा बन गया , कभी गुमनाम था, अब आम हो गया।
हर यार- यार नहीं होता , हर दोस्त वफादार नहीं होता,
दिल आने की बात है , बरना सात फेरे लगा के प्यार नहीं होता।
ये जुल्फें हैं तुम्हारी या रेशम का जाल,
कितने खुशनशीब हैं वो चूहे , जिन्होंने कुतरे तुम्हारे बाल।
तरसते हुए हाथों से उसने मेरी कलाई को यूँ छुआ,
मानो उसकी हर साँस कह रही हो , भाई साहब टाइम क्या हुआ।
मन से तेरा ख्याल जाता नहीं, तुम्हे देखे बिना चैन आता नहीं ,
मगर क्या करूं उस मदारी का, जो तुम्हे रोज लता नहीं।
तुम याद आते बहुत हो, दिलको लुभाते बहुत हो,
सोचता हूँ तुन्हे डिनर पर बुलाऊँ, पर कमबख्त तुम खाते बहुत हो।
दिल में जो है, किसी को बता न सकोगे ,
करोगे जवानी में गर्लफ्रेंड पे खर्चे, बुढ़ापे तक उधारी चुका न सकोगे।
तुम मेरे दिल में ऐसे समाई हो ,
जैसे बाजरे के खेत में भैंस घुस आई हो।
सोचा था हर मोड़ पे तुम्हारा साथ देंगे,
पर कम्बख्त सड़क ही सीधी निकली।
रब करे सेल फ़ोन गुम जाये तेरा , मिल जाये मेनू ते हो जाये मेरा,
कुड़ियां नूं फ़ोन करा मैं , ते ना जाये तेरा ,
कुट पवे तेनू , ते कलेजा ठंडा होए मेरा।
कसमें तो वो इस तरह से खाते हैं , चाय दूध पीते हैं या फ्रूट चबाते हैं ,
हम बुलाते हैं उन्हें यूँ रोज रोज मगर , हर रोज यही कहते हैं के बस कल आते हैं।
क्यों मरते हो यारो सनम के लिए , न देगी दुपट्टा कफ़न के लिए ,
मरना है तो मरो वतन के लिए , तिरंगा तो मिलेगा कफ़न के लिए।
अपनी जिंदगी उनके नाम कर रहे थे , सारी ख़ुशी उन पे निसार कर रहे थे ,
जब उनसे पूछा तो मुस्करा के कह गए , हम तो बस आपसे मजाक कर रहे थे।
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