Hindi Shayari Part 4
1 |
जिन्दगी के बोझ को हंसकर उठाना चाहिए , राह की दुशवाइयों पर मुस्कराना चाहिए। |
2 |
जिंदगी में जीना नहीं, जीने का अंदाज जरूरी है, दिल में चाहे लाख गम हो, पर चेहरे पर मुस्कान जरूरी है। |
3 |
हम वो स्याह नसीब है, तेरे शहर में, के गर खोलें दुकान कफ़न की, तो लोग मरना छोड़ दें। |
4 |
जिओ उसके लिए जो जीने का सहारा हो , चाहो उसे जो जान से भी प्यारा हो , साथ उसका दो जिसने भीड़ में भी आपको पुकारा हो। |
5 |
उम्र दराज मांगकर लाये थे जिंदगी के चार दिन, दो आरजू में गुजर गए, दो इंतजार में। |
6 |
वक्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ , पर अपनों का पता चलता है वक़्त के साथ , वक़्त नहीं बदलता किसी के साथ , पर अपने बदल जाते हैं वक़्त के साथ। |
7 |
जिंदगी
ने कई ख्यालात बदल
डाले , वक्त
ने मेरे हालत बदल डाले , मैं
तो आज भी वही हूँ जो मैं कल था , पर कुछ लोगों ने मेरे लिए अपने ख्यालात बदल डाले। |
8 |
बिंदास मुस्कराओ क्या गम है , जिंदगी में टेंशन किसे कम है , अच्छा या बुरा ये तो केवल भरम है , जिंदगी का नाम ही कभी ख़ुशी तो कभी गम है। |
9 |
दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद , वक़्त बे वक़्त मेरा नाम लिया करते हैं , जब मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर , रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं। |
10 |
जिंदगी में मुश्किलें तमाम है , फिर भी इन लवों पे मुस्कान है , जब जीना हर हाल में है , तो मुस्करा के जीने में क्या नुकसान है। |
11 |
सागर की लहरों को मिलाया नहीं जाता , अपना गम हर किसी को सुनाया नहीं जाता , बन जाता है यूँ ही कोई अपना , हर किसी को अपना बनाया नहीं जाता। |
12 |
शमा बुझ जाये अगर तो जल सकती है , कश्ती हर तूफान से निकल सकती है , हिम्मत मत हार , इरादे मत बदल , जिंदगी किसी भी वक्त बदल सकती है। |
13 |
होंसले को खुद से तुम कभी जुदा न करना , हारकर भी तुम कोशिशें कम न करना , इक दिन तुम्हारा होगा , ये एतवार करना , उस दिन का तुम सबब से इंतजार करना। |
14 |
चमन अच्छा नहीं लगता , कली देखि नहीं जाती, खुदा आपके हिस्से के गम भी मुझे दे दे , क्योंकि आपकी आँखों में ये नमि देखी नहीं जाती। |
15 |
हर कदम पे इम्तिहान लेती है जिंदगी , हर कदम पे सदमे देती है जिंदगी , शिकवा करे कोई क्या जिंदगी से , क्योंकि आप जैसा दोस्त भी तो देती है जिंदगी। |
16 |
दुआओं की इस भीड़ में एक दुआ हमारी , जिसमें हमने मांगी हर ख़ुशी तुम्हारी , जब भी आप मुस्कराएं दिल से , हम समझेंगे के दुआ कबूल हुए हमारी। |
17 |
रहते थे जिनके दिल में कभी जान से भी प्यारों की तरह, बैठे हैं आज उन्ही के कूचे में, गुनहगारों की तरह। |
18 |
मैने तुझे चाहा , पर तेरी दहलीज पर सजदा न किया , तुझे चाहना मेरा इश्क था , और सजदा न करना मेरी खुद्दारी है। |
19 |
हर जज्बात को जुबान नहीं मिलती , हर आरजू को दुआ नहीं मिलती , हँसते रहो तो दुनियां रहती है साथ , आंसुओं को तो आँखों में भी जगह नहीं मिलती। |
20 |
हमने तो रब से कभी किया नहीं गिला , अफ़सोस नसीब भी अपना खली हाथ मिला , दोस्तों के रहमो करम पे चले थे सिलसिले , जो तकदीर में नहीं था , बस वही नहीं मिला। |
21 |
लोग मिलते हैं Every Time , पसंद आते हैं Sometime , दोस्ती होती है Onetime , जो चलती है Lifetime . |
22 |
दिल जीत ले वो जिगर हम भी रखते हैं , कत्ल कर दे वो नजर हम भी रखते हैं , वादा किया है किसी से , हमेशा मुस्कराने का , वरना, आंशुओं का समंदर हम भी रखते हैं |
23 |
परखना मत, परखने से कोई अपना नहीं रहता, कोई भी चेहरा किसी आइने में देर तक नहीं रहता, बड़े लोगों से मिलने पर, थोड़ा फासला रखना, दरिया जहां समंदर में मिले तो दरिया नहीं रहता। |
24 |
आंशुओं को आँखों की दहलीज पर लाया न करो, अपने गम हर किसी को सुनाया न करो, मुटठी भर नमक लेकर फिरा करते हैं लोग, अपने जख्म हर किसी को दिखाया न करो। |
25 |
मिटटी मेरी कब्र से चुरा रहा है कोई , मरकर भी आज याद आ रहा है कोई , ऐ खुदा एक पल जिंदगी दे मुझे , उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई। |
26 |
दोस्ती की दास्ताँ जब वक़्त सुनाया करेगा , भुला हुआ कोई शक्श , तुमको भी याद आया करेगा , हम जिंदगी में हर गम भुला दिया करेंगे , जब आपके साथ गुजारा ये हसीं वक़्त याद आया करेगा। |
27 |
गा सकूं मैं आपका नगमा, वो साज कहां से लाऊँ, भा सके जो आपको, वो अल्फाज कहां से लाऊँ, चाँद सितारों की तारीफ करना तो आसान है, पर जिसमें हो आपकी तारीफ, वो अल्फाज कहां से लाऊँ। |
28 |
समंदर अपना गुण बता नहीं सकता , आँख में आँशु की तरह आ नहीं सकता , कितने सवालात प्यासे रह जाते हैं इस जमाने मे , किसके लिए जिन्दा हैं , ये बता नहीं सकते। |
29 |
विश्वास की एक डोरी है दोस्ती , बेताब दिल की मजबूरी है दोस्ती , न मनो तो कुछ भी नहीं , और मनो तो खुदा की भी मजबूरी है दोस्ती। |
30 |
रेत पर कभी नाम लिखते नहीं , रेत पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं , लोग कहते हैं हम पत्थर दिल है , पर पत्थर पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं। |
31 |
इश्क ने इंशा को क्या से क्या बना दिया , किसी को कवि तो किसीको कातिल बना दिया , दो फूलों का बोझ न उठा सकती थी मुमताज , और शाहजहाँ ने उसपर ताजमहल बना दिया। |
32 |
इंतहा पे इंतहा होती रही , जिंदगी पे जिंदगी रोती रही , जागकर भी क्या करेगा कोई , गर किस्मत ही उसकी सोती रही। |
33 |
न करता जमाने से शिकायत कोई , यदि मान जाता मनाने से कोई , किसी को नहीं याद करता कोई , यदि भूल जाता भुलाने से कोई। |
34 |
खली शीशे भी निशां रखते हैं, टूटे हुए दिल भी अरमां रखते हैं , जो ख़ामोश हैं , वो दरिया भी दिल मैं तूफां रखते हैं। |
35 |
धीमा धीमा दर्द सुहाना हमको अच्छा लगता था, दुखते जी को और दुखना हमको अच्छा लगता था। दिन दिन भर आवारा फिरना, इक हमारी आदत थी, रात गए घर लौट के आना, हमको अच्छा लगता था। चुप चुप रहना आहें भरना कुछ न कहना लोगों से, तन्हा तन्हा अश्क बहना हमको अच्छा लगता था। गुलबदनों को तकते रहना और बातें करना खुशबू की , निगाहे गुल का कर्ज उठाना हमको अच्छा लगता था।
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