Hindi Shayari Part 1
1 |
परवाह न करो चाहे सारा जमाना खिलाफ हो , चलो उस रस्ते पर
जो सच्चा और साफ हो। |
2 |
जीवन मिला है दुःख भी मिलेगा, औरों ने सहा है,
तू भी सहेगा। |
3 |
कर खुदी को बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले, खुदा बन्दे से खुद पूछे
कि बता तेरी रजा क्या है। |
4 |
जिस दर पे न झुके सर उस दर को दर नहीं कहते , जो झुके दर दर पे
उसे सर नहीं कहते। |
5 |
कौन किसी का होता है , अपना अपना नसीब होता है , धोखा वही देते हैं , जिनपे यकीन होता है। |
6 |
बन जाते हैं दोस्त जब पैसा पास होता है , टूट जाता है गरीबी में
जो रिश्ता खास होता है। |
7 |
दर्द हमको दर्द तुमको, दर्द हर दिल दर्द को , दर्द भी है कैसा
दर्द, दर्द हर बेदर्द को। |
8 |
मैदाने इम्तिहान में घबरा के हट न जाना , तक्षिले जिंदगी है, जखम पे जखम खाना। |
9 |
यूँ ही साख से पते गिरा नहीं करते , बिछुड़ के लोग भी
ज्यादा जिया नहीं करते। |
10 |
कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता , कहीं जमीं तो कहीं आसमां
नहीं मिलता। |
11 |
अगर पाना है मंजिल को तो तनहा चले चलो , लूट लेते हैं राहों में राहगीर भी कभी कभी। |
12 |
सहारे टूट जाते हैं , उम्मीदें छूट जाती हैं , चमन बिरान होता है , पर बहारें फिर
भी आती हैं। |
13 |
अब दौर वो आया कि कातिल की सजा कोई नहीं , है सजा उसको जिसकी के ख़ता कोई
नहीं। |
14 |
गुल से सीखो होंसला गम में मुस्कराने का , पैदा हुआ वो काँटों में
, पर फिर भी मुस्कराता है। |
15 |
गमे जिंदगी के लिए ही तो पैदा किया था इन्सान को , अगर बंदगी ही करनी होती,
तो फ़रिश्ते कम न थे
क्या भगवान् को। |
16 |
जिसे लोग जिंदगी समझ बैठे, वो तो हादसों का हजूम था , ये तो मैं था
जो बीच से गुजर गया। |
17 |
तारीफ करने का जिम्मा तो आपने उठा लिया , सारी उम्र बीत जाती है शब्द तराशने
में। |
18 |
सारी उम्र हम बस यही खता करते रहे के धूल थी चेहरे पर
और आइना साफ करते रहे। |
19 |
हर दिल में एक राज होता है , उस राज को छुपाना पड़ता है , दिल चाहे फूट - फूट कर रोये, पर
महफ़िल में मुस्कराना पड़ता है। |
20 |
यारों तुम गैरों की बात करते हो, हमने तो अपनों को भी आजमा के देखा है , तुमने काँटों से खाये होंगे , हमने फूलों से भी जख़्म
खा के देखा है। |
21 |
न थम जाये तूफान ,न ले चल साहिल तक , लहरों की कश्म , मोजों की कश्म , साहिल पे हमारा अब
कोई नहीं। |
22 |
नज़र - नज़र में फर्क होता है , हर नजर का मतलब इशारा नहीं होता। दोस्त -दोस्त में फर्क होता है , हर दोस्त का
मतलब सहारा नहीं होता। |
23 |
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24 |
यूँ तो राहों में बहुत मिलते हैं , कुछ अपने और कुछ पराये भी , मगर कभी कुछ ऐसे भी मिलते हैं , जो कभी भूलते नहीं अगर हम भुलाएं भी। |
25 |
हमने कब सोचा था, के जमाने ऐसे भी आएंगे , कत्ल होगा हमारा, और हमीं कातिल
कहलायेंगे। कुचले जायेंगे हमारे जज्बात , और हम पे ही इल्जाम आएंगे । |
26 |
शमा बुझ जाये अगर तो जल सकती है , कश्ती हर तूफान से निकल सकती है। मायूश मत हो इरादे मत बदल , जिंदगी किसी भी वक्त बदल
सकती है। |
27 |
दुआओं की इस भीड़ में एक दुआ हमारी , जिसमें हमने मांगी हर ख़ुशी तुम्हारी, जब भी आप मुस्कराएं दिल से, हम समझेंगे के
दुआ कबूल हुई हमारी। |
28 |
मुश्किलें इन्सान को बढ़ना सिखाती है , स्वपन के पर्दे निगाहों से उठाती हैं। हौंसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर, ठोकरें
ही इन्सान को चलना सिखाती
है। |
29 |
होंसले को खुद से कभी तुम जुदा न करना, हार कर भी तुम कोशिशें कम न करना। इक दिन तुम्हारा होगा ये एतवार करना , और उस दिन का
तुम सबब से इंतजार करना। |
30 |
अगर बहार होती तो तितलियाँ जरूर आती , नमी आँखों में हो तो सिसकियाँ जरूर आती , वो कहते हैं कि बहुत याद आते थे हम उन्हें , पर याद करते तो हमें भी हिचकियाँ
जरूर आती। |
31 |
गा सकूं मैं आपका नगमा वो साज कहां से लाऊँ , भा सके जो आपको वो वो अंदाज कहां से लाऊँ। चाँद तारों की तारीफ़ करना तो आसान है, पर जिसमें हो
आपकी तारीफ वो अल्फाज कहाँ
से लाऊँ। |
32 |
जिंदगी बहुत खूबसूरत है, पर मुझे जीना नहीं आता , हर चीज में नशा है, पर मुझे पीना नहीं आता , सब मेरे बिना जी सकते हैं , सिर्फ मुझे अपनों के बिना जीना
नहीं आता। |
33 |
खुदा न करे आपको कोई गम मिले , पर खुशियां और हंसी हर दम मिले , गम जब भी चले आपकी ओर , तो रास्ते में
उसे हम मिले। |
34 |
भरोसा तो आज कल खुद पर भी कम कर रहा हूँ मैं , पराये आंशुओं से अपनी आँखों को नम कर रहा हूँ मैं , बड़ी मुश्किल से जागी थी इस जमाने की निगाहों में , उसी उम्मीद के मरने का मातम कर रहा हूँ मैं। |
35 |
हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनियां , जाने के बाद क्यों भुलाती है दुनिया , जिंदगी में क्या कुछ कसर बाकि थी , जो मरने के
बाद भी जलती है
दुनिया। |
Excellent
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