Hindi Shayari Part 2


HINDI SHAYARI PART - 2
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1

आगे आगे फूल बिछाए यारों ने ,

पीछे से पत्थर बरसाए यारों ने।

2

औरों की मर्जी से चलना , ये दस्तूर बदलना है ,

जिंदगी की राहों पे तो तुझेअकेले ही चलना है।

3

बड़े लोगों से मिलने पर हौंसला रखिये ,

दरिया जहां भी सागर में मिले तो दरिया नहीं रहता।

4

किस - किस को याद करियेकिस किस को रोइये।

यारो नींद बड़ी चीज़ हैजरा मुँह ढक के रोइये।

5

कभी हम याद करते हें , कभी फरियाद करते हैं।

पर वो हमे कभी नहीं मिलतेजिन्हे हम याद करते हैं।

6

बहारें देखने वाले खजाओं को भूल जाते हैं ,

जब नए दोस्त मिलते हैंतो पुराने छूट जाते हैं।

7

जो जहाजों से टकराते हैं , उन्हें तूफ़ान कहते हैं ,

जो तूफानों से टकराते हैं , उन्हे इन्सान कहते हैं।

8

व्यस्त जिंदगी की राहों पे कोई रास्ता देता नहीं ,

मुझे गिराकर तुम संभाल सको तो चलो।

9

इक दिन हम निकले घूमने शाम शहर , दिल में कुछ अरमां थे ,

एक तरफ थी झाड़ियां तो दूसरी तरफ श्मशान थे।

तभी इक हड्डी पैर के नीचे आई , उसके ये वयाँ थे ,

 चलने वाले जरा संभाल के चलना एक दिन हम भी इंसां थे।

10

हर चाह से मुश्किल आसान नहीं होती , 

हर दिल को दर्द की पहचान नहीं होती ,

ये माना के इन्सान की हसरत पूजा है , 

मगर हर पूजा भी भगवन नहीं होती।

11

बफा के नाम से घबराते हैं हम , 

खफा ही खफा हैं जिधर जाते हैं हम ,

दिल के गम आँशु बनके बह  जाये कहीं , 

इसलिए सदा मुस्कराते हैं हम।

12

 दोस्त हौंसला रख , तुझे हर मुश्किल से लड़ना है ,
यूँ तो आकाश में बहुत पंछी है , पर तुझे तो अकेले ही उड़ना है।

13

चलाया हुआ तीर कभी खली नहीं जाता , 

मयूष दर से भी कोई स्वाली नहीं जाता

कांटे ही किया करते हैं फूलों की इफाजत्त , 

फूलों को बचाने  कोई माली नहीं आता।

14

समझ सके तो समझ को समझो , 

समझ को समझना भी बड़ी समझ है ,

समझ कर भी जो समझ  समझे , 

वो मेरी समझ में  समझ है।

15

सताएगा तू किसे  आसमां जब गम नहीं होंगे ,

दिए हैं कुछ ऐसे गम जो कभी कम नहीं होंगे ,

सितारे टूटने से दुनियां के मेले कम नहीं होंगे ,

क्या कमी होंगी दुनियां में जब इक हम नहीं होंगे।

16

इन पत्थरों के शहर में पत्थर दिल लोग रहते हैं ,

इनके सीने में दिल नहीं पत्थर धड़कते हैं।

17

दोस्ती गुनाह है तो होने देना , दोस्ती खुदा है तो खोने  देना ,

सच्चे दोस्त को कभी दिल से जुदा होने  देना।

18

 खुदा हम पर अपनी बस इतनी रेहमत बरसाना ,

दुश्मनों से मैं खुद निपट लूंगा , मुझे सिर्फ मेरे दोस्तों से बचना।

19

बहुत गुबार था के फूल खिलेंगे बहार में ,

मारा गया गरीब बस इसी इंतजार में।

20

तन्हाई भरा जिंदगी का सफर मिला , 

 साथी कोई ,  हमसफ़र मिला ,

हम दिया जलता छोड़ गए थे उनके लिए , 

जब वापिस लोटे तो जलता हुआ घर मिला।

21

हमने तो उम्र गुजार दी लड़ाई में ,

सह लिए गम तेरी बेवफाई में ,

अब तो ये फरियाद है खुदा से , 

कोई और  तड़फे तेरी जुदाई में।

22

कदम ऐसे चलो के निशां बन जाये , 

काम ऐसा करो के पहचान बन जाये ,

जिंदगी तो सब जी लेते हैं , 

मगर जिओ ऐसे के सबके लिए मशाल बन जाये।

23

दादू दुनियां बाँवरी चले चाम के दाम,

पूंछ मरोड़े बैल की काढ़े अपना काम।

24

आदम को खुदा मत मानआदम खुदा नहीं,

पर आदम भी खुदा के नूर से जुदा नहीं।

25

हम दरिया हैं , हमे अपना हुनर मालूम है,

जिस तरफ चलेंगे रास्ते बन जायेंगे।

26

समंदर पर सकूं हैइसलिए गहरा भी है,

वरना मचलती नदिया में कोई गहराई नहीं होती।

27

वो इन्शा थे जिन्होंने आबरू रख ली खुदाई की ,

पर जिसे हमने खुदा समझा , वो इमानों को ले डूबा।

28

महसूस तो कर खुदा मिलेगा , मगर हर रूप में जुदा मिलेगा ,

बद्दुआ  कर किसी के लिए , गड्ढ़ा तेरे लिए भी खुदा मिलेगा।

29

जिद्दी इन्सान ही जिंदगी बदलता है , 

बाकि सब compromise करते हैं ,

हर मुश्किल में भी वो जिद्दी होकर खड़ा है , 

दुःख क्या वो तो गमों के सागर से भरा है ,

हंस कर जिंदगी भी बोल पड़ी , वह क्या इंसान है, 

इसके होंसले तो मुझसे भी बड़े हैं।

30

दोस्त बन - बन के मिले मुझे मिटाने वाले , 

हमने देखे हैं कई रंग बदलने वाले ,

तुमने चुप रहकर सितम और भी ढाया मुझपर , 

तुमसे तो अच्छे हैं मेरे हाल पर हसने वाले।

31

ना थके कभी पैर कभी हिम्मत हरी है ,

जज्बा है परिवर्तन का इसलिए सफर जारी है।

32

अपनी मंजिलें होंगी , अपने कारवां होंगे ,

कल दुनियां हमें याद करेगी , पर जाने हम कहां होंगे।

33

मिटा सके हमें जमाने में इतना दम नहीं ,

हमसे खुद है जमाना , जमाने से हम नहीं।

34

गमे जिंदगी को देखकर हमे रोना गया ,

पर ये रोने वाले तुझे किस बात पे रोना गया।

35

हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था ,

मेरी कश्ती ही वहां डूबी जहां पानी भी कम था।



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