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Hindi Shayari Part 18

     हिंदी शायरी पार्ट -18 Beautiful Hindi shayari, Emotional hindi shayari, Sad hindi shayari, hindi shayari based on dosti, hindi shayari collection, Best hindi shayari, हिंदी शायरी पार्ट-18 1 आप बात अपनी मर्जी से करते हो,  और हम भी इतने पागल हैं,  कि आपकी मर्जी का इंतजार करते हैं।  2  तुम तो फिर भी गैर हो,  तुमसे  तो  शिकायत कैसी,  मेरे अपने भी मुझे गैरों की तरह देखते हैं।  3   अकेले तो हम शुरू से ही थे ,  बस  थोड़ा सा वहम हो गया था कि मुझे भी कोई चाहता है।  4  दोस्ती की है, तुमसे बेफिक्र रहो,  नाराजगी हो सकती है पर कभी नफरत नहीं  ।  5 मसला ये नहीं कि तुम मिल नहीं पाओगे, दर्द तो ये है कि हम तुम्हें  भूला नहीं पाएंगे ।  6  कभी न कभी तो एहसास होगा तुम्हें,  के कोई था जो तुम्हें बिना मतलब से चाहता था।  7 मसरूफ हो ...

Hindi Poem Part - 3

AJNABI(Hindi Poem)
Ajnabi ko dost samajh bethe, Hkiqat, waqt, suvichar, anmol vachan, sache dost

अजनबी को दोस्त समझ बैठे 
जिंदगी में  हर शख्स  से थी दोस्ती की चाह हमे , 
पर  जाने क्यों एक अजनबी को ही हम दोस्त समझ बैठे।

नाम भी  था मालूमऔर   थी उनसे पहचान कोई,
दूरियां तो थी उनसेपर फिर भी हम उन्हें अपने करीब समझ बैठे।

वो शख्स  था सबसे अलग , सबसे जुदा  मगर ,
कुछ खास तो था उसमें ,जो हम उसे  महान समझ बैठे।

हुए थी जब उनसे मुलाकात पहली बार  हमारी,
उस मुलाकात को हम दोस्ती की शुरुआत समझ बैठे।

जानकर भी  जान  सके थे हम उन्हें कभी शायद ,
जो उनके  चंद  शब्दों को ही हम  उनकी पहचान समझ बैठे।

उसकी सोच , उसके विचार , उसके ख्याल थे हमसे अलग ,
 समझ तो हम ही थे जो उन्हें हमख्याल समझ बैठे।

वक्त ने हमारे दरमियान फासले  फिर बढ़ा दिए ,
उसकी खामोशियों को हम उसकी रंजिस समझ बैठे।

नफरत सी होने लगी अब  जाने क्यों हमे उनसे ,
कसूर तो हमारा ही था , जो हम उन्हें गुनहगार समझ बैठे।

एहसास हुआ जब हमे अपनी ही गलतियों का ,
नफरत मिटा दी हमने और खुद को कसूरवार  समझ बैठे।

कुछ तो सीखा हमने उनकी बेरुखी से तन्हा ,
आखिर क्यों इक अनजान को हम इक दोस्त समझ बैठे। 



हकीकत

किसी शायर ने खूब लिखा  है , 
रहने दे आसमां , जमीं  की तलाश कर। 
सब कुछ यहीं है कहीं और  तलाश कर। 
हर आरजू पूरी हो तो जीने का क्या मजा। 
जीने के लिए बस  एक वजह की तलाश कर। 

 तुम दूर जाना ,  हम दूर जायेंगे , 
अपने - अपने हिस्से की दोस्ती निभाएंगे , 
बहुत अच्छा लगेगा जिंदगी का ये सफर। 
आप वहां से याद करना , और हम यह से मुस्कराएंगे 



वक्त

वक्त कैसा  भी हो अच्छा या बुरा बदलता जरूर है। 
इसलिए अच्छे वक्त में कुछ ऐसा गलत मत करो , 
कि  बुरे वक़्त में लोग आपका साथ छोड़ दें।

वक़्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ
पर अपनों का पता चलता है वक्त  के साथ। 
वक्त नहीं बदलता किसी के साथ , 
पर अपने बदल जाते हैं वक्त के साथ।

कामयाबी कभी बड़ी नहीं होती , हमेशा पाने वाले बड़े होते हैं। 
दरार कभी बड़ी नहीं होती , भरने वाले हमेशा बड़े होते हैं। 
इतिहास के हर पनने  पे लिखा है:- 
दोस्ती कभी बड़ी नहीं होती , निभाने वाले हमेशा बड़े होते हैं।

बिंदास मुस्कराओ क्या गम है , 
जिंदगी में टेंशन किसको कम है। 
अच्छा या बुरा ये तो केवल भ्र्म है
जिंदगी का नाम ही कभी ख़ुशी कभी गम है। 

  
सुविचार 
एक बार इन्सान ने:- 
*कोयल से कहा :- तू काली  होती तो कितनी अच्छी होती। 
सागर से कहा :- तेरा पानी खारा   होता तो कितना अच्छा होता। 
गुलाब से कहा  :- तुझमें कांटे  होते तो कितना अच्छा होता। 
तब ये तीनो एक साथ बोले :-
हे इन्सान तुझमें यदि दूसरों की कमियां देखने की आदत  होती तो तू 
कितना अच्छा होता।


Anmol Vachan

* किसी की आदत देखनी हो तो उसे इज्जत दो। 

* किसी की फितरत देखनी हो तो उसे आजादी दो। 

* किसी की नियत देखनी हो तो उसे कर्ज दो। 

* किसी के गुण देखने हो तो उसके साथ खाना खाओ।

* किसी का सब्र देखना हो तो उसे हिदायत देकर देख लो। 

* किसी की अच्छाई देखनी हो तो, उससे सलाह ले लो। 
जीवन केसच्चे मित्र 
दर्पण -  झूठ बोलने नहीं देगा ,

ज्ञान -     भयभीत होने नहीं देगा ,

अध्यात्म -    मोह करने नहीं देगा ,

सत्य -    कमजोर होने नहीं देगा

प्रेम -     ईर्ष्या  करने  नहीं  देगा ,

विशवास - दुःखी होने नहीं देगा ,

कर्म -   असफल होने नहीं देगा। 

* तभी तक पूछे  जाओगे जब तक काम आओगे ,
चिरागों के जलते ही बुझा दी जाती है तीलियाँ। 

 * हसरतों के सिक्के लिए , उजाले खरीदने निकले थे हम ,
उम्र की पहली गली में ही जिम्मेदारियों ने लूट लिया। 

*  ना फिसलो इस उम्मीद में कि कोई तुम्हें उठा लेगा ,
सोच कर  मत डूबो  दरिया में कि तुम्हे कोई बचा लेगा , 
ये दुनिया तो एक अड्डा है तमाशबीनो का दोस्तो ,
अगर देखा तुम्हे मुसीबत में तो हर कोई यहां मजा लेगा।
 
*  जल्दी जागना हमेशा फायदेमंद होता है ,
फिर चाहे वो नींद में से हो या फिर वहम में से हो। 

*  ना ढूंढ मेरा  किरदार दुनियां की भीड़ में दोस्त।,
वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है।


सच्चे दोस्त

तनाव के उन क्षणों में मजबूत लोग भी आत्महत्या कर  लेते हैं,

वो लोग जिनके पास सब कुछ है ,  शान...शौकत..रुतबा...पैसा...इज्जत

इनमें से कुछ भी उन्हें रोक नहीं पता हैतो फिर क्या कमी रह जाती है ?

कमी रह जाती है उस ऊंचाई पर एक अदद दोस्त की।
कमी होती है उस मुकाम पर एक अदद राजदार की।

     एक ऐसे दोस्त की  जिसके साथ चांदी के कपों में नहीं , 
किसी छोटी सी चाय की दुकान पर बैठ  सकते।

जो उन्हें बेतुकी बातों से जोकर बनके हंसा  पता ,
वह जिससे दिल की बात कहके हल्का हो सके ,
वह दोस्त, वह यार , वह राजदार  उनके पास नहीं होता,
जो कह सके तू सब छोड़ चाय पी मैं हूँ  तेरे साथ।

और आखिर में यही मायने कर  जाता है ,
    सारी दुनिया की धन दौलत एक तरफ , 
सारा तनाव एक तरफ, और वह दोस्त एक तरफ 

   लेकिन यदि आपके पास वह दोस्त है,
तो चले जाइए एक शाम उसके साथ चाय पे ,  
यकीन मानिये, जिंदगी बहुत हसीन बन जाएगी 

   याद  रखिये आपके तनाव से यदि कोई लड़ सकता है,
तो वो है आपका दोस्त और उसके साथ की एक कप गर्म चाय।


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